दूरदर्शन का प्रभाव निबंध :-essay on "effect of television"

दूरदर्शन का प्रभाव निबंध :-essay on effect of television

भूमिका

दूरदर्शन आधुनिक वैज्ञानिक आविष्कारों में सबसे अधिक सफल एवं महत्वपूर्ण आकर्षक यंत्र है। इसके माध्यम से सुदूर स्थानों से प्रसारित ध्वनी चित्र दर्शकों के पास पहुँच जाती है । दूरदर्शन का प्रभाव रेडियो से अधिक स्थायी है । पिछले दो दशकों में दूरदर्शन ने भारत में बहुत लोकप्रियता प्राप्त की है ।

दूरदर्शन का प्रभाव निबंध :-essay on "effect of television"


लाभ

भारत जैसे विशाल देश में दूरदर्शन की महत्ता असंदिग्ध है । आज हमारे देश के सामने अनेकानेक समस्याएँ मुँह बाए खड़ी हैं । दूरदर्शन के द्वारा ही विभिन्न प्रकार की समस्याओं के प्रति लोगों का ध्यान आकृष्ट कराकर उनका समाधान किया जा सकता है ।

ज्ञान – विज्ञान , समाज – शिक्षा तथा कृषि संबंधी विषयों के संबंध में जानकारी द्वारा लोगों का ज्ञानवर्धन किया जा सकता है । देश में मद्यपान के कुप्रभावों , परिवार नियोजन की आवश्यकता , भारतीय जीवन की विविधता में एकता यादि विषयों पर बहुत से कार्यक्रम दिखाकर लोगों को अत्यधिक जागरूक किया जा सकता है ।

इस दिशा में दूरदर्शन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो काफी प्रसन्नता का विषय है । दूरदर्शन के माध्यम से लोगों को शिक्षित किया जा सकता है। अपेक्षित कार्यक्रमों के द्वारा लोगों का मनोरंजन किया जा सकता है तथा उनके दृष्टिकोण को वैज्ञानिक रूप दिया जा सकता है ।

हानियाँ

दूरदर्शन से जितनी हानियाँ पाश्चात्य देशों के सामने प्रकट हुई है, उतनी शायद भारत में अब तक नहीं आई हैं । वहाँ दूरदर्शन के कारण सामाजिक जीवन जड़ सा हो गया है । लोग सिर्फ दूरदर्शन के कार्यक्रमों के संदर्भ में जान सकते हैं , परंतु अपने पड़ोसियों के संदर्भ में कुछ भी नहीं जानते । वहाँ आत्म – सीमितता और अकेलेपन का दोष बढ़ता जा रहा है ।

दूरदर्शन से एक हानि यह भी है कि यह देखने वाले व्यक्ति को पंगु – सा बना देता है । सब कुछ सिनेमा के द्वारा घर में ही पहुँच जाती है और वह चुपचाप कमरे में बैठकर अथवा बिस्तर पर आराम करते हुए उसका दर्शक बन देखता रहता है । घटनाएँ उस तक पहुँच जाती हैं। परंतु स्वयं वह उन्हें देखने का वास्तविक अनुभव प्राप्त नहीं कर सकता ।

वह देखता है कि किन्हीं दूर देशों में युद्ध में बम – वर्षा हो रही है अथवा दो देशों के खिलाड़ी खेल रहे हैं , रन या गोल बन रहे हैं , मैदान में उपस्थित दर्शक तालियाँ बजा रहे हैं , परंतु इस दृश्य को वह केवल देख सकता है , स्वयं उसका भागीदार कदापि नहीं बन सकता है।

निष्कर्ष

दूरदर्शन से अकेलापन का दोष बढ़ गया हैं । दूरदर्शन के कारण आपराधिक घटनाएं दिनोंदिन बढ़ते ही जा रहे हैं । किंतु इसमें दोष दूरदर्शन का नहीं ,बल्कि कार्यक्रम प्रसारण – समिति का है । दूरदर्शन हमारे लिए एक ऐसा सशक्त माध्यम है,जिसके समुचित उपयोग से हम जीवन को अत्यधिक सुखद और सुंदर बना सकते हैं ।

(दूरदर्शन का प्रभाव निबंध :-essay on effect of television)

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