Mera rajya: jharkhand-मेरा राज्य झारखंड पर निबंध

Mera rajya jharkhand essay:-

परिचय

बिहार राज्य से कटकर हमारा नया राज्य झारखंड बना है। यह बिहार के दक्षिणी भाग को अलग करके बनाया गया है। झारखंड राज्य का गठन 15 नवंबर 2000 ईस्वी को किया गया। झारखंड का अर्थ है —- झाड़ और झाड़ियों से बना क्षेत्र। अर्थात जहाँ प्रचुर मात्रा में झाड़ और झाड़ियाँ और विशाल खनिज उपलब्ध हैं, वही हमारा राज्य झारखंड है। झारखंड की धरती में कोयला अभ्रक जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। झारखंड भारत का 28 वाँ राज्य है।

सुंदर जलवायु , मनोहर वातावरण , खानों में कोयला और अभ्रक , जंगल में विभिन्न प्रकार की लकड़ी , फलों से लदे वृक्ष , फूलों पर मंडराती तितलियाँ ,शोभा-संपन्न अवर्णनीय घाटियाँ ,सुषमा की दर्शनीय नदियाँ , हरीतिमा वाले मनमोहक मैदान ,मन पर जादू- जैसा असर करने वाले पर्वत और पहाड़ , मस्त भोले -भाले निवासी से परिपूर्ण झारखंड राज्य की प्रमुख विशेषता है।

Mera rajya jharkhand

सीमा

झारखंड राज्य के उत्तर में बिहार ,दक्षिण में उड़ीसा , पूर्व में पश्चिम बंगाल और पश्चिम में छत्तीसगढ़ एवं उत्तर प्रदेश राज्य सटा हुआ है। झारखंड राज्य की लंबाई पूरब से पश्चिम की ओर 463 किलोमीटर एवं चौड़ाई उत्तर से दक्षिण की ओर 380 किलोमीटर है। झारखंड की सीमा भारत के 5 राज्यों को स्पर्श करती है। संपूर्ण झारखंड राज्य छोटा नागपुर के पठार पर अवस्थित है।

भौगोलिक स्थिति

झारखंड का अधिकतर भाग छोटानागपुर पठार का हिस्सा है। छोटानागपुर पठार पूर्व कैम्ब्रियन युगीन चट्टानों से बना हुआ है। यह पठार राँची , हजारीबाग और कोडरमा जिले के अंतर्गत आता है। इस पठार में खनिज संसाधनों की प्रचुरता है। छोटानागपुर पठार का क्षेत्रफल 65000 वर्ग किलोमीटर है। इसका सबसे बड़ा भाग राँची का पठार है, जिसकी ऊँचाई लगभग 700 मीटर है। यहाँ स्वर्णरेखा ,दामोदर , कोयल , बराकर , खरकाई , मयूराक्षी ,शंख , पंचाने आदि प्रमुख नदियाँ है। झारखंड के वनों में बाघ और हाथी बहुतायत में मिलते हैं। झारखंड की धरती में बहुत सी मिट्टी पाई जाती है। इसमें लाल मिट्टी , बलुई मिट्टी , काली मिट्टी और लैटेराइट मिट्टी प्रमुख है।

निवासी

झारखंड की राजधानी राँची है। वहीं दुमका इसकी उपराजधानी है। राँची एक बहुत बड़ा शहरी क्षेत्र है। इसके अतिरिक्त जमशेदपुर , बोकारो , धनबाद , हजारीबाग आदि भी बड़े शहर है। झारखंड राज्य में निवास करने वाले अधिकतर लोग आदिवासी हैं। यहाँ मुंडा ,उराँव , संथाल ,कुरमी आदि प्रमुख आदिवासी जातियाँ निवास करती है। झारखंड में संथाली, हो ,मुंडारी ,बांग्ला, नागपुरी ,पंचपड़गानिया , खोरठा एवं हिंदी भाषाएँ अधिक बोली और समझी जाती है।

साधन

झारखंड की भूमि पथरीली एवं पठारी किस्म की है। यहाँ खेती लायक भूमि बहुत कम है। यहाँ धान की खेती प्रमुख रूप से की जाती है। झारखंड की भूमि में खनिज संपदा का अपार भंडार है। कोयला , अभ्रक ,लोहा , बॉक्साइट , ग्रेफाइट , यूरेनियम ,चूनापत्थर , मैग्नीज आदि प्रमुख खनिज है। इन खनिजों की प्रचुर मात्रा उपलब्ध होने के कारण यहाँ उद्योग-धंधों का जाल बिछा हुआ है। जमशेदपुर , रांची , बोकारो एवं धनबाद क्षेत्र उद्योगों के प्रमुख केंद्र है, जिसमें लोहे का सबसे बड़ा कारखाना जमशेदपुर में अवस्थित है।

धार्मिक स्थल

झारखंड राज्य में बहुत से दर्शनीय स्थल भी हैं। देवघर का बैधनाथ एवं बासुकीनाथ मंदिर, रजरप्पा का छिन्नमस्तिका मंदिर , बोड़ेया का वैष्णो मंदिर , राँची का पहाड़ी मंदिर, आंजन धाम , तमाड़ का देवड़ी मंदिर , बुंडू का सूर्य मंदिर, चतरा का भद्रकाली मंदिर,संथाल का लुगू पहाड़ आदि प्रमुख धर्म स्थान है। ( Mera rajya jharkhand essay )

पर्यटन स्थल

हुंडरू जलप्रपात , गौतम धारा , पंचघाट जलप्रपात , दशम जलप्रपात प्रमुख पर्यटन स्थल है। इसके अतिरिक्त बेतला राष्ट्रीय उद्यान, बिरसा जैविक उद्यान , पतरातू डैम , हजारीबाग राष्ट्रीय अभयारण्य , तोपचाँची झील , मैथन डैम आदि भी देखने योग्य स्थान है।

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