ईशान किशन पर निबंध | ishan kishan par nibandh

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भूमिका

यूँ तो बिहार की धरती से अनेकों रत्नों ने जन्म लिया है। सब ने अपने कर्म और हुनर से बिहार की धरती ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में भी अपना नाम रोशन किया है। उसमें क्रिकेट जगत से एक खिलाड़ी ईशान किशन का नाम आता है,जिन्होंने मात्र 22 वर्ष की उम्र में ही अपना नाम क्रिकेट की दुनिया में रोशन कर दिया है।

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जन्म

ईशान किशन का जन्म 18 जुलाई 1998 को बिहार की राजधानी पटना में हुआ है। इनके पिता का नाम प्रणव पांडे और माता सुचित्रा सिंह है। इनके पिता पेशे से एक बिल्डर हैं। ईशान के बड़े भाई का नाम राज किशन है जिन्होंने ईशान को क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया।

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क्रिकेट की शुरूआत

ईशान एक बाएं हाथ के बल्लेबाज और विकेटकीपर हैं। ईशान अपना आदर्श महेंद्र सिंह धोनी और एडम गिलक्रिस्ट को मानते हैं। ईशान किशन के हुनर को कोच संतोष कुमार और उत्तम मजूमदार ने पहचाना। भाई राज किशन ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई। जिन्होंने ईशान को क्रिकेटर बनाने के लिए अपने क्रिकेट कैरियर को त्याग दिया। बिहार क्रिकेट की हालत सही नहीं रहने के कारण 2011 में ईशान को झारखंड की ओर रुख करना पड़ा। इस तरह ईशान ने अपना प्राथमिक क्रिकेट झारखंड के घरेलू टीम से खेलना शुरू किया। 2016 में उनको अंडर-19 का कप्तान के रूप में चयन किया गया और अपनी टीम को फाइनल मैच तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ईशान किशन का चयन 2016-17 के आईपीएल सीजन में गुजरात लायंस के लिए हुआ। फिर 2018 के आईपीएल सीजन में किशन का चयन मुंबई इंडियंस के लिए हुआ।

मुंबई इंडियंस ने इनको 6.2 करोड़ में खरीदा। इस सत्र के एक मैच में कोलकाता के खिलाफ इन्होंने 17 बॉल पर 50 रन बनाया। मुंबई इंडियन की ओर से खेलते हुए 14 मैच में 516 रन बनाए थे। इसमें उनका उच्चतम स्कोर 99 रन रहा। उन्होंने आईपीएल में सबसे अधिक 30 छक्के भी जड़े। ईशान किशन ने अपने करियर में अब तक 95 मैच खेले हैं जिसमें 2372 रन बनाए हैं। उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 113 रन रहा है।

टी-20 अंतरराष्ट्रीय कैरियर

ईशान किशन ने अपने डेब्यू मैच में ओपनिंग करते हुए धमाकेदार पारी खेल भारतीय टीम में अपने चयन को सार्थक साबित कर दिया। 14 मार्च 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ अहमदाबाद में खेले गए टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में मिले मौके को दोनों हाथों से लपका। बेखौफ बल्लेबाजी के लिए जाने जाने वाले इस युवा बल्लेबाज ने सिर्फ 32 गेंद पर 175 के स्ट्राइक रेट से 56 रन बनाकर सबका दिल जीत लिया। उनकी आक्रामकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 56 रन की अर्धशतकीय पारी में 44 रन सिर्फ चौके-छक्कों से बनाएं। 5 चौके और 4 छक्के जड़े।

भारतीय पारी के छठे ओवर की पहली गेंद पर जब इंसान ने टॉम करण को छक्का मारा। तब कप्तान विराट कोहली काफी खुश दिखे। वह ईशान किशन के करीब आए और उन्होंने ईशान को शाबाशी भी दी। भारतीय टीम में झारखंड के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज का चयन उनकी इसी आक्रामकता के कारण किया गया है। इसी साल 20 फरवरी को विजय हजारे ट्रॉफी में सामने मध्यप्रदेश के खिलाफ 94 बॉल में 173 रन की धमाकेदार पारी खेलकर टीम इंडिया के लिए अपना दावा ठोका था। हालांकि पिछले साल आईपीएल में अपने शानदार प्रदर्शन से उन्हें चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा था।

निष्कर्ष

ईशान किशन को अभी अपने कैरियर का बहुत लंबा सफर तय करना बाकी है। ईशान क्रिकेट की दुनिया में अपना अच्छा प्रदर्शन करते जाएं और भारत का नाम रोशन करें। यह भारत के एक होनहार विकेटकीपर और बल्लेबाज है। ये क्रिकेट कैरियर में अपना नाम रौशन करें, ऐसी हम कामना करते हैं।

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