ashok vajpayee par nibandh
जीवन परिचय
16 जनवरी 1941 ई० को अशोक वाजपेयी का जन्म दुर्ग, मध्य प्रदेश में हुआ था। उन्होंने बी०ए० नागर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में और दिल्ली के सेंट स्टीवेंस कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में एम० ए० किया। उन्होंने लोक सेवक के रूप में कला की उन्नति में असाधारण योगदान दिया है। अशोक वाजपेयी आधुनिक हिन्दी साहित्य के जाने-माने साहित्यकार हैं। उनके पास रचनात्मक क्षमताओं की एक विस्तृत श्रृंखला है। एक आधुनिक कवि, आलोक, संपादक और सांस्कृतिक कार्यकर्ता के रूप में आपकी एक ठोस प्रतिष्ठा है।
संपादन और सम्मान
उन्होंने ‘समवेत’, ‘पहचान’, ‘पूर्वाग्रह’, ‘समास’ और ‘बहुवचन’ जैसे पत्रिकाओं का संपादन किया। इसके अलावा कुमार गंधर्व, निर्मल वर्मा रचनात्मक आलोचना का संचयन और मुक्तिबोध और शमशेर बहादुर सिंह की चुनी गई कविताओं का संपादन किया। उनकी कविता पुस्तक ‘कहीं नहीं वही’ के लिए उन्हें 1994 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। इसके अलावा, उन्हें ‘दयावती कवि शेखर सम्मान’ और ‘कबीर सम्मान’ मिला है। पोलैंड के राष्ट्रपति ने उन्हें ‘ऑफिसर्स क्रॉस ऑफ मेरिट ऑफ द रिपब्लिक ऑफ पोलैंड’ और साथ ही फ्रांस सरकार के ‘ऑफिसर डी० एल० ऑर्डर डेस आर्ट्स एट डेस लेटर्स’ से सम्मानित किया। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ‘भारत भवन’ के निर्माण में वाजपेयी जी का महत्वपूर्ण योगदान था। ashok vajpayee par nibandh
प्रमुख रचनाएं
अब तक अशोक वाजपेयी ने 33 स्व-लिखित और संपादित रचनाएँ जारी की हैं, जिनमें से अधिकांश प्रकाशित रचनाएँ हैं।
शहर अब भी सम्भावना है (1966)
एक पतंग अनन्त में (1984)
अगर इतने से (1996)
तत्पुरुष (1989)
कहीं नहीं वहीं (1991)
बहुरि अकेला (1992)
थोड़ी – सी जगह (1994)
घास में दुबका आकाश (1994)
आविन्यो (1995)
जो नहीं है (1996)
अभी कुछ और (1998)
समग्र कविताओं का संचयन ‘ तिनका-तिनका ‘ दो खण्डों में (1996)
आलोचनात्मक कृतियां
कविता के अलावा अलोचना कृतियाँ प्रकाशित हुई हैं, जो इस प्रकार है:-
फिलहाल (1979)
कुछ पूर्वग्रह (1984)
समय से बाहर (1994)
सीढ़ियाँ शुरू हो गयी है (1995)
कविता का गल्प (1996)
कवि कह गया है (1998)
तीसरा साक्ष्य (1979) , साहित्य विनोद (1984) कला विनोद (1986) , पुनर्वसु (1989) कविता का जनपद (1993) के अलावा उन्होंने गजानन माधव मुक्तिबोध, शमशेर और अज्ञेय की कविताओं का संपादन किया। कुमार गंधर्व, निर्मल वर्मा, जैनेंद्र कुमार, हजारीप्रसाद द्विवेदी और अज्ञेय उन लेखकों में से हैं जिनपर उन्होंने कई पुस्तकें संपादित किए।
साहित्यिक पत्रिका
अशोक वाजपेयी ने साहित्यिक पत्रकारिता में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी साहित्यिक पत्रकारिता की पहचान के आधार हैं :-
कविता एशिया (1930), समवेत (1958-59), पहचान (1970-74), पूर्वाग्रह (1974-1990), बहुवचन (1990), समास (1992) । इसके अलावा, उन्होंने ‘द बुक रिव्यू’ सहित कई प्रकाशनों के लिए परामर्श संपादक के रूप में काम किया।
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साहित्यिक विशेषता
अशोक वाजपेयी एक ऐसे कवि हैं जो अस्तित्व की बुलंद गूँज को कैद करते हैं। उन्हें एक समयबद्ध कवि के बजाय एक कालबद्ध कवि के रूप में संदर्भित करना अधिक सटीक है। उनका संपूर्ण दृष्टिकोण भौतिक, सामाजिक और रोजमर्रा के अस्तित्व का एक आख्यान है। अशोक वाजपेयी की कविताओं के लेखन में प्रामाणिक, ईमानदार और जागरूक आधुनिक भारतीय व्यक्ति की संवेदनशीलता का मिश्रण है, जिसमें परंपरा का संशोधन और आधुनिकता की खोज दोनों एक साथ हैं।
वशिष्ठ मुनि ओझा के अनुसार , “जब आजादी के इन साठ वर्षों का काव्य का इतिहास लिखा जाएगा, तो अशोक वाजपेयी उन चंद हिंदी कवियों में से एक होंगे, जिनकी कविता की आत्मा में भारतीयता का गहरा भाव होगा, जहाँ आप कविता की परंपरा को कविता के नाजुक संशोधन की खोज करेंगे।” जहाँ समकालीन परंपरा का अचूक अनुप्रयोग, हमारी संस्कृति, कला और सभ्यता के लिए एक सजग जुनून और एक समर्पित विश्वास की आस्था मिलेगी।
निष्कर्ष
अशोक वाजपेयी अपनी कविताओं में एक विनम्र, प्रेमप्रिय, रुचि रखने वाले, जिज्ञासु व्यक्ति के रूप में इस धरती के लिए एक महान स्नेह के रूप में प्रकट होते हैं। वह एक बहादुर कवि हैं जो आधुनिक कविता की स्थापित पंक्तियों का पालन करने के बजाय अपना रास्ता खुद बनाते हैं।