अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया निबंध :- hindi essay on American president electoral system

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया निबंध :- hindi essay on American president electoral system

भूमिका

विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में भी भारत की तरह लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था है। किंतु अमेरिका के राष्ट्रपति की चुनाव प्रक्रिया बिल्कुल भिन्न है। अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव पाँच चरणों में पूर्ण होती है। ये चरण क्रमशः प्राइमरीज व कॉकस ,नेशनल कन्वेंशन, इलेक्शन कैंपेनिंग , जनरल इलेक्शन और पांचवा इलेक्टोरल कॉलेज है।

American president electoral system

(1) प्राइमरीज व कॉकस
अमेरिका के संविधान में प्राइमरी के बारे में कोई भी दिशानिर्देश नहीं है। इस कारण से चुनाव का निर्धारण पार्टी और राज्य के कानूनों द्वारा किया जाता है। चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के रूप में नामांकन कराने के पूर्व उम्मीदवार देशभर में कॉकस और प्राइमरी चुनाव के द्वारा अपनी पार्टी के नामांकन की लड़ाई लड़ते हैं।

प्राइमरीज
प्राइमरी चुनाव का संचालन राज्य सरकारों के द्वारा होती है। इस चुनाव में पार्टी के सदस्य सबसे अच्छे उम्मीदवार के लिए वोट करते हैं। प्राइमरी में चुने गए पार्टी उम्मीदवार जनरल इलेक्शन में एक- दूसरे के विरुद्ध खड़े होते हैं। प्राइमरी चुनाव क्लोज्ड, सेमी-क्लोज्ड ,ओपन और सेमी-ओपन आदि कई तरह के होते हैं। इसका निर्धारण राज्य की कानून ही करती है।

यदि प्राइमरी चुनाव क्लोज्ड होगा, तो केवल उसी पार्टी से जुड़े लोग वोट करेंगे। किंतु यदि ओपन होगा, तो इस चुनाव में असंबद्ध मतदाता भी वोट करेंगे। अमेरिका के 34 राज्यों में इसी प्रणाली के तहत प्राइमरी चुनाव किया जाता है।

कॉकस
अमेरिका के अयोवा समेत 16 राज्यों में प्राइमरी के स्थान पर कॉकस प्रणाली के द्वारा प्रत्याशियों का चुनाव किया जाता है। इस चुनाव का संचालन राजनीतिक पार्टियाँ करती है। इसमें राजनीतिक दल के पंजीकृत सदस्य संबंधित राज्य की सीमा के अंदर ही अपने पसंदीदा पार्टी उम्मीदवार के लिए वोट करते हैं। American president electoral system


(2) नेशनल कन्वेंशन
प्राइमरीज और कॉकस चुनाव पूर्ण होने के बाद प्रत्येक राज्य में नेशनल कन्वेंशन की प्रक्रिया आरंभ होती है। इसमें कन्वेंशन में चुने गए प्रतिनिधि दल के एक उम्मीदवार हेतु वोट किया जाता है और जिस उम्मीदवार के पक्ष में अधिक वोट मिलता है उसे ही पार्टी का नामांकन मिल जाता है। प्रत्येक पार्टी नेशनल कन्वेंशन का आयोजन करती है जिसमें राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन को अंतिम रूप दिया जाता है। प्रत्येक कन्वेंशन में राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चुनाव करता है।


(3) इलेक्शन कैंपेनिंग
प्रत्येक पार्टी द्वारा प्राइमरी कॉकस और नेशनल कन्वेंशन के द्वारा एक-एक उम्मीदवार को चुना जाता है। इसके बाद जनरल इलेक्शन की कैंपेनिंग आरंभ होती है। फिर उम्मीदवार के द्वारा पूरे देश में घूम-घूमकर चुनाव का प्रचार किया जाता है।


(4) जनरल इलेक्शन( पॉपुलर वोट )
जनरल इलेक्शन में प्रत्येक राज्य के लोग राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के लिए वोट करते हैं। राष्ट्रपति के लिए वोट करने वालों को इलेक्टर्स कहा जाता है। ये इलेक्टर्स इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्य होते हैं। जब राष्ट्रपति का चुनाव परिणाम घोषित होता है तो उसमें इलेक्टोरल कॉलेज और पॉपुलर वोट के परिणाम शामिल होते हैं।


(5) इलेक्टोरल कॉलेज
क्योंकि तरफ से राष्ट्रपति के लिए वोट करने वाले ऑल एक्टर्स के ग्रुप को इलेक्टोरल कॉलेज कहते हैं। इलेक्टोरल कॉलेज के माध्यम से ही चुनाव का परिणाम तय होता है। किंतु राष्ट्रपति चुनाव में पॉपुलर वोट जीतने के बाद भी इलेक्टोरल कॉलेज में हार जाने की भी संभावना रहती है। इलेक्टोरल कॉलेज के कुल 538 मतों में से 70 मत प्राप्त कर साधारण बहुमत हासिल करने वाला उम्मीदवार विजयी माना जाता है।


विजेता की घोषणा
अपने राज्यों के मतों की गणना की देखरेख प्रत्येक राज्य स्वयं ही करते हैं। संभावता मतदान वाले दिन ही देर रात्रि में विजेता की घोषणा कर दी जाती है। विजेता की घोषणा के बाद विजयी प्रत्याशी नए राष्ट्रपति पद का शपथ ग्रहण करते हैं।

Post a Comment

Previous Post Next Post