कंप्यूटर आज की जरूरत पर निबंध : Hindi Essay on computer

कंप्यूटर आज की जरूरत पर निबंध :Hindi Essay on computer

कंप्यूटर आज की जरूरत पर हिंदी में निबंध

प्रस्तावना

आज प्रत्येक की जुबान पर कंप्यूटर का नाम है। टीवी पर कंप्यूटर का प्रचार खूब हो रहा है। रेडियो, समाचार पत्र और सिनेमा घरों में कंप्यूटर पर एक चर्चा, विज्ञापन, प्रचार और बुद्धिजीवी के लिए चिंतन का विषय बन गया है। मनुष्य की व्यस्तता, विज्ञान की प्रगति के कारण चारों ओर जो ज्ञान का विस्फोट हो रहा है तथा विश्व के तीन शक्तिशाली देश जिसे द्रुतगति से सृष्टि को अपनी मुट्ठी में बंद करने के लिए लालायित हैं,उस दृष्टि से प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ने, समृद्ध होने और अपने देश की अखंडता और प्रभुसत्ता की सुरक्षा के लिए कंप्यूटर का प्रयोग आवश्यक ही नहीं अनिवार्य बन गया है। (कंप्यूटर आज की जरूरत पर निबंध :Hindi Essay on computer)

कंप्यूटर क्या है?

कंप्यूटर अनेक ऐसे मस्तिकों का एक रूपात्मक तथा समन्वयात्मक योग और गुणात्मक घनत्व है। जो तीव्र गति से न्यूनतम समय में ही सही गणना कर सकता है, या यूँ कहिए कि त्रुटिहीन गणना कर सकता है। इस कंप्यूटर मशीन के 5 मुख्य भाग होते हैं:—
1) मेमोरी
2) कंट्रोल या नियंत्रण कक्ष
3) अंकगणित का अंग
4)इनपुट यंत्र या आंतरिक यंत्र भाग
5)आउटपुट यंत्र

सूचनाएँ एकत्र करने के लिए कंप्यूटर में अलग भाषा और संकेत भरे जाते हैं। हिंदी या अंग्रेजी अथवा अन्य किसी भी भाषा की वर्णमाला या अक्षर नहीं होते। अतः सभी सूचनाओं को पहले कंप्यूटर भाषा में परिवर्तित किया जाता है जो तकनीकी दृष्टि से ऑफ, ऑन, शून्य तथा एक है जिनको द्विचर संख्या कहते हैं। इन बिट्स के द्वारा ही भाषा को अंको में बदलते हैं। कंप्यूटर प्रणाली में 6 बिट्स को 64 विधियों में प्रयुक्त कर सकते हैं।

कंप्यूटर का उपयोग

अब कंप्यूटर का प्रयोग हर बड़े व्यवसाय, तकनीकी संस्थान, बड़े बड़े प्रतिष्ठानों की गणितीय गणना, समूह रूप में बड़े-बड़े उत्पादनों का लेखा-जोखा, भावी उत्पादन का अनुमान, बड़ी-बड़ी मशीनों की परीक्षा और भविष्य गणना, परीक्षाफलों को विशाल गणना, वर्गीकरण, जोड़ घटाव , गुणा भाग ,अंतरिक्ष यात्रा, मौसम संबंधी जानकारी, भविष्यवाणियाँ, व्यवसाय , चिकित्सा और अखबारी दुनिया में आज कंप्यूटर प्रणाली ही सर्वाधिक उपयोगी और त्रुटिहीन जानकारी देती है।

कंप्यूटर और मानव मस्तिष्क

एक रोचक प्रश्न उठता है कि मानव मस्तिष्क और कंप्यूटर में क्या अंतर है? तथा दोनों में कौन श्रेष्ठ है? निसंदेह मानव मस्तिक ही श्रेष्ठ है क्योंकि कंप्यूटर प्रणाली का निर्माण भी तो मानव मस्तिक ने ही किया है। मानव मस्तिष्क में खोज और आविष्कार की जो चेतना है, चिंतन और विचार है, अनुभूति की क्षमता है, अच्छे बुरे की परख है, वह कंप्यूटर में नहीं है। दूसरे मानव को कलात्मक कृति, संगीत, पेंटिंग रिझा सकती है,बोर कर सकती है, उसकी पसंद नापसंद हो सकती है। मनुष्य का ज्ञान, आम रुचि, अनुभव चिंतन, विचार क्रिया को प्रभावित कर सकते हैं किंतु कंप्यूटर का मस्तिष्क इन सबसे परे यांत्रिक गति के नियंत्रण में आबध्द है। वह तो भावना शुन्य होता है, मानव के समान निर्णय लेने की शक्ति उसमें नहीं है। Hindi Essay on computer

कंप्यूटर आदमी की तरह स्वयं कुछ भी नहीं सोच सकता। किंतु इस पर भी मानव मस्तिष्क में अनेक त्रुटियाँ, कमियाँ है । अतः कंप्यूटर मानव मस्तिष्क की इन त्रुटियों को दूर करता है। गणना लंबी और जटिल हो, शुद्ध और जटिल गणना शीघ्र मानव मस्तिष्क नहीं कर सकता तब कंप्यूटर ही काम करता है। कंप्यूटर की स्मरण शक्ति असीमित है। मनुष्य बहुत प्रयत्न के बाद भी जब तथ्यों, नामों ,स्थानों और सूचनाओं को स्मरण नहीं कर पाता तब कंप्यूटर यह सारे काम आनन-फानन में कर डालता है।

उपसंहार

आधुनिक कंप्यूटर एक सेकंड में दस लाख तक की गणना सरलता से कर देता है। बिना थके, बिना ध्यान बटे शुद्ध गणना ही कंप्यूटर की विशेषता है। आज ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज, चिकित्सा क्षेत्र, मौसम की आगामी सूचनाओं के सही संग्रह में कंप्यूटर बेजोड़ है। कंप्यूटर के कारण प्रत्येक क्षेत्र में विकास की गति दस गुणी से लेकर हजार गुणी तक बढ़ गयी है। डिजाइन के क्षेत्र में तो कंप्यूटर ने एक क्रांति ही ला दी है।

ऑटोमोबाइल उद्योग में तो दस व्यक्ति दस सप्ताह में 24 घंटे कठिन परिश्रम करके जितनी गणना का कार्य करेंगे, कंप्यूटर उसे 1 घंटे में कर देगा। चिकित्सा विज्ञान में उपचार क्षमता में वृद्धि तथा शोध के नवीन आंकड़ों की उपलब्धि में कंप्यूटर का ही योगदान है। भविष्य में कंप्यूटर मानव विकास का अचूक हथियार सिद्ध होगा। कंप्यूटर अकल्पनीय बातों को साकार कर रहा है। 21वीं सदी में प्रवेश करते करते मनुष्य द्वारा असंभव बातें भी संभव होते दिखाई पड़ने लगी है और इस महान उपलब्धि से भारतीय वैज्ञानिकों का यश आज भी बढ़ रहा है और दिनोंदिन बढ़ता ही जाएगा।

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