भारत के पर्यटन स्थल पर निबंध|Bharat ke paryatan sthal nibandh

Bharat ke paryatan sthal

भूमिका

विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है जिसमें छह प्रकार की ऋतुएँ पाई जाती है। इसलिए यहाँ का वातावरण बहुत सुरम्य और मनोहारी है। यहाँ न तो ठंडी में अन्य देशों के समान अत्यधिक ठंड और न गर्मी में असह्य गर्मी पड़ती है। इसलिए हमारा देश विदेशियों को अपनी और आकर्षित करता है। भारत न केवल भौगोलिक दृष्टि से विशाल और विस्तृत है। बल्कि वह अपनी विभिन्न प्राकृतिक सुंदरता के कारण भी बहुत बड़ा देश है। भारत की प्राकृतिक सुंदरता सचमुच में ही निराली और अद्भुत है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ- साथ भारत की भौगोलिक सुंदरता भी कम आकर्षक नहीं है।

हमारे देश की सभ्यता और संस्कृति में विविधता है। यहाँ हर प्रकार की जातियाँ, धर्म, रिवाज, आचरण, दर्शन, साहित्य, पर्व-त्यौहार आदि सब कुछ एक दूसरे से भिन्न होते हुए भी एक दिखाई देते हैं। हमारे देश के पूर्व त्यौहार जो समय-समय पर सम्पन्न होते रहते हैं। वह वास्तव में दर्शनीय और आकर्षक हैं।

Bharat ke paryatan sthal nibandh

भारत के पूर्वी दर्शनीय भाग

हमारे भारत का पूर्वी भाग बहुत ही आकर्षक है। असम, बंगाल, बिहार आदि राज्य इस पूर्वी भाग के अंतर्गत आते हैं। असम के चाय के बाग और मैदान,घाटियाँ, मणिपुर की विशाल पर्वतीय प्राकृतिक छटा, बिहार और उड़ीसा का विस्तृत कृषि क्षेत्र आदि पर्यटन के विशेष केंद्र हैं। भगवान बुद्ध और महावीर, रामकृष्ण परमहंस, विवेकानंद, राम-कृष्ण आदि इसी जन्म भूमि पर पैदा हुए थे। जगन्नाथ पुरी का मंदिर, कोणार्क मंदिर, पटना का इतिहास, गया का माहात्म्य आदि प्राचीन काल से ही अपनी महानता का परिचय दे रहा है। (Bharat ke paryatan sthal)

भारत के पश्चिमी दर्शनीय भाग

हमारे देश का पश्चिमी भाग पर्यटकों सहित अनेक दर्शकों के मन को आकर्षित करने वाला है। यहाँ मुंबई की ऊँची-ऊँची समुद्र तटीय अट्टालिकाएँ, शिवाजी का कर्म क्षेत्र, अजंता-एलोरा की गुफाएँ, पूना का वह पवित्र स्थल, गोवा आदि प्रकृति के अद्भुत आकर्षण हैं। द्वारकापुरी का पौराणिक , सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक महत्व, साँची के स्तूप, विदिशा, खजुराहो, उज्जैन पंचमढ़ी , ग्वालियर, जबलपुर ऐसे नगर परीक्षेत्र है जो न केवल अपनी संस्कृति, कलाकृतियों और रचना की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। अपितु अपनी इतिहास और कार्य-व्यापार के लिए भी प्रसिद्ध हैं। अहमदाबाद कला कृति का अद्भुत स्थल है जो भारत के पश्चिमी क्षेत्र में है। (Bharat ke paryatan sthal)

भारत के उत्तरी दर्शनीय भाग

हमारे भारत के उत्तर प्रहरी की भाँति खड़ा हिमालय है जिसके अंचल में अनेक धार्मिक स्थल है, जो भारतीय अध्यात्म के परिचायक हैं। इस भाग में दर्शनीय स्थलों का अधिकता और विशालता है। इस क्षेत्र के जो भी दर्शनीय स्थल हैं, वे अपनी कला और संस्कृति के लिए अत्यंत प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण हैं। संसार का आठवाँ अजूबा आगरे का ताजमहल, सिकंदराबाद, मथुरा, वृंदावन, फतेहपुर सीकरी, भरतपुर आदि विश्व के सुप्रसिद्ध आकर्षक केंद्र हैं। राणा प्रताप और राणा सांगा की जन्मभूमि जहाँ पद्मिनी की सुंदरता के किस्से बच्चे की जुबान पर है। बलिदान और त्याग की भूमि राजस्थान का उदयपुर, चित्तौड़, माउंट आबू, जोधपुर , जयपुर आदि एक अनोखा और सुंदरता का एक महान केंद्र है।

भगवान विश्वंभर कैलाशपति शंकर की नगरी काशी बहुत ही सुंदर है। इस नगरी का ऐतिहासिक, धार्मिक महत्व के साथ-साथ पौराणिक तथा सांस्कृतिक महत्व भी है। इसके पास ही स्थित इलाहाबाद की त्रिवेणी का महत्व न केवल वैदिक और पौराणिक काल से है, इसके पास महान हिंदू सम्राट अशोक द्वारा निर्मित किला का आज भी ज्यों-का-त्यों बरकरार है, जो अपनी ऐतिहासिकता और दर्शनीयता के लिए सैलानियों को आकर्षित करता है। कुल्लू, मनाली, कांगड़ा की दर्शनीय प्राकृतिक शोभा और कश्मीर की वादियाँ और उसके आँचल में कुमकुम और केशर की क्यारियाँ कश्मीर के साथ-साथ भारत के आकर्षण में चार चांद लगा देते हैं। कश्मीर की विभिन्न फूलों की घाटियाँ, फूल-पत्तों से ढके हुए हिम-शिखरों पर पड़ती हुई सूर्य-चन्द्रमा की किरणें बड़ी ही मनोहर दिखाई देती है। यहाँ अमरनाथ का प्रसिद्ध तीर्थस्थान भी है, जो भारत के आध्यात्मिक महत्व को दर्शाता है।

भारत के दक्षिणी दर्शनीय भाग

हमारे देश भारत का दक्षिणी भाग भी कम आकर्षण का केंद्र नहीं है। यह अनेक दर्शनीय स्थल से परिपूर्ण और संपन्न है। आंध्रप्रदेश, केरल, तमिलनाडु, मैसूर राज्य आदि की प्राकृतिक शोभा कम सुंदर और दर्शनीय नहीं है। इसके अंतर्गत हैदराबाद, मद्रास, मैसूर, महाबलीपुरम, रामेश्वरम, मदुरई, बंगलुरु, तंजौर, कन्याकुमारी की प्राकृतिक छटा और वहाँ का ऐतिहासिक महत्व, सांस्कृतिक प्रभाव और धार्मिक मान्यता हमारे जीवन को बार-बार जागरण का संदेश देते हैं। केरल जो आदि शंकराचार्य की जन्मभूमि है, वह अत्यंत आकर्षक और दर्शनीय है।

निष्कर्ष

हमारा देश भारत अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण सबके आकर्षण का केंद्र रहा है। यह उत्तर में कश्मीर और दक्षिण में कन्याकुमारी तक फैला हुआ है। पूरब में मिजोरम, नागालैंड और पश्चिम में गुजरात तक फैला हुआ अपने सौंदर्य और छवि से सबको अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इसके उत्तर में विश्व की सबसे ऊँची श्रेणियों वाला पर्वत हिमालय भारत के प्रहरी के रूप में स्थित है। इसकी बर्फ की चोटियों को देखकर ऐसा लगता है कि हमारे देश में सफेद मुकुट धारण कर लिया हो।

यहाँ बहने वाली गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, सिंधु जैसी नदियाँ इस देश के गले में पड़ी हुई मोतियों की माला के समान शोभा को बढ़ाने वाली है। दक्षिण में हिंद महासागर की कल्लोल करती हुई ऊँची-ऊँची तरंगे किस देश का चरण स्पर्श करके चरणों को धोती हुई मधुर-मधुर गान किया करती है। इस तरह हमारा भारत देश विभिन्न प्रकार के दर्शनीय स्थलों का महाकेंद्र होने के कारण विश्व का सबसे अनूठा राष्ट्र है।

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