मेरा प्रिय खेल कबड्डी पर निबंध|Mera Priya Khel Kabaddi essay

Mera Priya Khel Kabaddi essay

भूमिका

प्रत्येक व्यक्ति की अपनी अलग-अलग इच्छाएँ और रुचि होती है। हर व्यक्ति हर क्षेत्र में काबिल हो ,यह सदैव देखने को नहीं मिलता है। किसी की इच्छा अध्ययन में, किसी की राजनीति में , किसी की संगीत में , किसी की भक्ति-भावना में , तो किसी की खेल-कूद में होती है। इन इच्छाओं के अंदर भी कई प्रकार की अपनी-अपनी इच्छाएँ होती है। जिस खेल में जिसकी जैसी रूचि होती है , उसकी उसमें उतनी ही योग्यता अच्छी होगी। अधिकांश लड़कों की रूचि अध्ययन और खेल दोनों में एक साथ होती है। ऐसे बालक बहुत होनहार और प्रतिभाशाली होते हैं। खेल भी कई प्रकार के होते हैं। खेलों में कुछ खेल ऐसे हैं कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है। कुछ खेल की स्वांग करने वाले होते हैं। खेलों में मेरी रुचि सबसे अधिक कबड्डी खेलने में है। यद्यपि कबड्डी राष्ट्रीय खेलों में नहीं गिनी जाती लेकिन बेहद अच्छी और आसान खेल है।

Mera Priya Khel Kabaddi essay

वैसे तो मुझे क्रिकेट , फुटबॉल , टेनिस , बॉलीबॉल आदि सभी खेल खेलना पसंद है। लेकिन मेरी सबसे अधिक रूचि कबड्डी के खेल में ही है। कबड्डी के प्रति बचपन से ही मेरी रुचि रही है। जब मैं बहुत छोटी उम्र का था , तब मैंने इस खेल को अपने कई दोस्तों के संग खेला करता था। उन दिनों गाँव में कोई दूसरी खेल खेलने का न साधन था , न साथी थे और न उपयुक्त मैदान था। इसलिए मैंने अन्य खेलों की अपेक्षा कबड्डी को ही अधिक पसंद किया था। तब मैं गाँव में अपनी आरंभिक शिक्षा पूरी कर रहा था।

आसान खेल

कबड्डी एक ऐसा खेल है जिसको खेलने के लिए किसी विशेष योग्यता की जरूरत नहीं पड़ती है। इस खेल को खेलने के लिए एक साधारण व्यक्ति भी योग्य खिलाड़ी हो सकता है। कबड्डी के खेल के लिए बहुत विशाल मैदान की भी जरूरत नहीं पड़ती है। इस खेल को खेलने के लिए कहीं भी थोड़ा सा स्थान उपयुक्त हो सकता है। सिर्फ यह अवश्य ध्यान देने की आवश्यकता होती है कि कबड्डी के खेल के लिए जो स्थान चुना गया है, वह किसी प्रकार से कंकरीला , पथरीला , उबड़- खाबड़ या चिकना स्थान न हो। ऐसे स्थान पर खेलने से खिलाड़ियों के गिरने से उन्हें गंभीर चोट आने की संभावना रहती है।

कबड्डी का खेल 4 से 6 या इससे अधिक खिलाड़ियों द्वारा खेला जा सकता है। इस खेल में खिलाड़ियों की आयु समान होनी चाहिए। इस खेल में विशेष प्रबंध या व्यवस्था करने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती है। इसके लिए कोई विशेष नियम की भी जरूरत नहीं होती है।

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खेल का नियम

कबड्डी का खेल शुरू करने से पहले दो दल बना लिए जाते हैं। दोनों दलों के बीच में एक दल – विभाजक रेखा खींच दी जाती है। इस रेखा के दोनों और एक-एक दल के खिलाड़ी खड़े हो जाते हैं। कबड्डी का खेल शुरू करने के पहले दोनों दलों के खिलाड़ी बहुत सतर्क हो जाते हैं। उनके मन में केवल एक ही भाव अपने पक्ष को जीत दिलाना होता है। इस प्रकार दोनों दलों के खिलाड़ी अपने- अपने दल को विजयी बनाने की कोशिश में बहुत चुस्ती और फुर्ती से खेल में हिस्सा लेते हैं। खेल खेलते समय जब किसी भी दल का खिलाड़ी अपने विरोधी दल के खेमे के अंदर प्रवेश करता है, कबड्डी कबड्डी का उच्चारण तेजी से करता हुआ विरोधी पक्ष के ऊपर इस प्रकार उछलता है और छूने का प्रयत्न करता है। मानों कोई शिकारी जानवर अपने शिकार पर छलाँग लगा रहा हो।

विरोधी पक्ष का खिलाड़ी भी अपने खेमे के अंदर उसे पकड़ने का भरपूर प्रयत्न करता है। यदि आक्रमक खिलाड़ी दूसरे पक्ष के किसी खिलाड़ी को छूकर अपने खेमे में सफलतापूर्वक पहुँच जाता है , तो अंक बनता है। इस खेल में विशेष ध्यान रखने वाली बात यह है कि आक्रामक खिलाड़ी की साँस विपक्षी खिलाड़ी के खेमे में न टूटे। अगर खेमे के अंदर साँस टूट जाती है, तो वह खेल से बाहर कर दिया जाता है। वह फिर से खेल में भाग तभी ले सकता है, जब उसके दल का खिलाड़ी विपक्षी दल के किसी खिलाड़ी को छूकर बिना साँस तोड़े अपने खेमे में आ जाये। दोनों पक्ष की ओर से यही क्रिया बार-बार दोहराई जाती है। जब तक कि खेल समाप्त नहीं होता है।

सावधानी

इस खेल में आक्रमण खिलाड़ी को पकड़ने के प्रयास में खिलाड़ियों को चोट लगने की संभावना होती है। अतः यह खेल सावधानीपूर्वक खेलना चाहिए। इस खेल में जब एक -एक करते हुए खिलाड़ी खेल से बाहर होते जाते है और एक दल का जब सभी खिलाड़ी खेल से बाहर हो जाते है ,तब बाहर होने वाले दल की हार हो जाती है। एक दल की हार और दूसरे दल की जीत के साथ इस खेल को समाप्त किया जाता है। यदि दोनों दल चाहें तो फिर से इस खेल को खेल सकते है।

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निष्कर्ष

कबड्डी का खेल मुख्य रूप से ग्रामीण खेल है। लेकिन यह शहरों में भी खेला जाता है। इस खेल के लिए बरसात या सुखद और सुहाना मौसम अनुकूल होता है। कबड्डी के खेल से शरीर हष्ट-पुष्ट होता है। इससे शरीर में स्फूर्ति मिलती है। शरीर का व्यायाम भी हो जाता है।

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