विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध|vidyalaya ka vaarshikotsav

vidyalaya ka vaarshikotsav par nibandh

भूमिका

विद्यालय के वार्षिक उत्सव का अर्थ है – विद्यालय में साल के अंत में होने वाला उत्सव । विद्यालय ही एक ऐसा स्थान है , जहाँ बालक माँ – बाप से जीवन जीने की प्रेरणा लेकर आता है , भविष्य में आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करने का । अध्ययन के दौरान विद्यालय में प्रत्येक वर्ष के अन्त में मनाया जानेवाला उत्सव ही वार्षिक उत्सव है । विद्यालय में मनाया जाने वाला यह उत्सव विद्यालय की स्थापना , उन्नति और प्रगति का परिचायक है । बहुधा विद्यालयों पर इस अवसर पर विशेष समारोह किये जाते हैं और इस समारोह में विद्यालय के सभी सदस्य सामान्य या प्रमुख रूप से भाग लिया करते हैं । इसलिए इस उत्सव का विशेष महत्त्व होता है ।

vidyalaya ka vaarshikotsav per nibandh

vidyalaya ka vaarshikotsav par nibandh

भारतीय समाज में उत्साह , उल्लास , प्रसन्नता , आनन्द का संचार करने के लिए कोई न कोई उत्सव , त्यौहार , किसी – न – किसी विशेष दिन , तिथि को मनाने की परम्परा है । उत्सव अनेक हैं – जन्मोत्सव , स्वतन्त्रता दिवस , गणतन्त्र दिवस , जन्माष्टमी , रामनवमी आदि अनेक राष्ट्रीय और धार्मिक उत्सव हैं जिसे आयोजित कर मनुष्य अपने वजूद , अपनी वास्तविकता की याद करता है और आगे के लिए अपने जीवन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए तरोताजा होकर कोई नवीन संकल्प लेता है । हमारे देश में उत्सवों के आयोजन का यही उद्देश्य था – भूत से प्रेरणा लेकर भविष्य का मार्ग प्रशस्त करना ।

वार्षिक उत्सव

विद्यालय का वर्षिक उत्सव मनाने का कोई निश्चित दिन निर्धारित नहीं किया गया है । कोई – कोई विद्यालय अपने स्थापना दिवस को वार्षिक उत्सव के मनाते हैं , तो कोई सरस्वती पूजा के दिन वार्षिकोत्सव मनाते हैं । कोई – कोई विद्यालय राष्ट्रीय या धार्मिक त्यौहार के दिन वार्षिकोत्सव मनाते हैं । मेर विद्यालय का वार्षिक उत्सव वसंत पंचमी के सुअवसर पर आयोजित होता है । उसे उत्सव को विधिवत सम्पन्न करने के लिए हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य और प्रबन्धक मिलकर तैयारी करते हैं । एक माह पहले से ही इस उत्सव के आयोजन की तैयारी शुरू हो जाती है ।

एक साल की प्रतीक्षा के बाद विद्यालय के वार्षिकोत्सव के रूप में मनाई जाने वाली वह शुभ घड़ी वसंत पंचमी आ गयी । इस दिन सभी आमंत्रित और संबंधित व्यक्ति एक-एक करके विद्यालय के प्रमुख द्वार से अन्दर प्रवेश कर रहे थे । विद्यालय के प्रमुख द्वार के दोनों ही ओर दो वरिष्ठ अध्यापक अतिथियों का सम्मानपूर्वक स्वागत करने में लगे थे ।

vidyalaya ka vaarshikotsav par nibandh

विद्यालय के विशाल प्रांगण में एक बड़ा मंच बना हुआ था । आस-पास कई कुर्सियाँ थीं , जो अभी तक खाली थीं । धीरे – धीरे विद्यालय के सदस्य इस मंच के चौड़ी और पंक्तिबद्ध कुर्सियों पर आसन ग्रहण करते गये । विद्यालय के सभी विद्यार्थी और अन्य कर्मचारीगण भी यथा स्थान पर बैठ गये थे । जब प्रधानाचार्य ने अपने लाउडस्पीकर से सबको यथा स्थान बैठ जाने का निर्देश दिया तब जो अभी तक खड़े – खड़े इस भव्य – दृश्य का दर्शन कर रहे थे , वे भी यथास्थान पर बैठ गये ।

कार्यक्रम

वार्षिकोत्सव का कार्यक्रम पूर्व सूचना के अनुसार सरस्वती वन्दना के बाद दिन के 10 बजे संचालक महोदय के सूचनाबद्ध सम्भाषण से आरम्भ हुआ । इसके पूर्व विद्यालय की छात्राओं ने अभ्यागत अतिथियों की उपस्थिति में माँ सरस्वती की आरती उतारी और भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया । छात्रों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया । विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक ने कार्यक्रम का महत्त्व तथा विद्यालय के विशेष महत्त्व को अपने भाषण द्वारा उपस्थित लोगों के समक्ष व्यक्त किया । इसके बाद विद्यालय के प्रधानाचार्य ने उपस्थित अतिथियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए उनके आगमन के प्रति अपनी खुशी व्यक्त किए । प्रधानाचार्य ने वार्षिकोत्सव में भाग लेने आये मुख्य अतिथि प्रदेश के शिक्षामंत्री के प्रति अपना हार्दिक आभार प्रकट करते हुए उन्हें उद्बोध करने का आग्रह किया ।

मुख्य अतिथि ने शिक्षा के विकास के प्रति अपना लम्बा वक्तव्य प्रस्तुत किया । अपने भाषण में उन्होंने हमारे विद्यालय के विकास की भूरि – भूरि प्रशंसा करते हुए विद्यालय को और अधिक विकास के शिखर पर पहुँचने के लिए अपना आकर्षक – दिशा बोध दिया । इसके बाद हमारे कक्षाध्यापक ने संचालन चक्र को आगे बढ़ाते हुए अंत में सभाध्यक्ष प्रदेश के शिक्षासचिव से अपना अमूल्य विचार व्यक्त करने के लिए सादर अनुरोध किया । सभाध्यक्ष प्रदेश के शिक्षासचिव ने शिक्षा के स्वरूप और उसकी आवश्यकता पर अपना विचार व्यक्त किया । अंत में उन्होंने हमारे विद्यालय के चतुर्दिक विकास के लिए एक अपेक्षित अनुदान देने का वचन दिया । तालियों की गड़गड़ाहट से उनके उस अनुदान देने का बार – बार स्वागत किया गया ।

समापन

विद्यालय के वार्षिक उत्सव के समापन के बाद सभी अत्यधिक प्रसन्नता का अनुभव कर रहे थे । सभी बार – बार इस वार्षिक उत्सव के एक – एक कार्यक्रम से बहुत संतुष्ट थे । सभी ने उन्मुक्त हृदय से यह स्वीकार किया कि प्रस्तुत किए गये सभी कार्यक्रम सराहनीय और आकर्षक थे । विद्यार्थी आगे भी इसी प्रकार सफल कार्यक्रम प्रस्तुत करने का संकल्प ले रहे थे।

विद्यालय के वार्षिक उत्सव के दूसरे दिन सभी समाचार – पत्रों ने हमारे विद्यालय के वार्षिक उत्सव के विषय में बड़े ही आकर्षक शीर्षक के साथ प्रशंसनीय विवरण प्रकाशित किया था । इसे पढ़कर हम सभी छात्रगण गर्व का अनुभव कर रहे थे । यही नहीं , हमारे अभिभावक और मित्रगण भी हमारे विद्यालय की बार – बार सराहना कर रहे थे । हम इस विद्यालय का विद्यार्थी होने का गर्व महसूस कर रहे थे ।

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