एल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी | Biography of Albert Einstein in hindi

Albert Einstein ki jivani

जीवन परिचय

एल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म जर्मनी प्रदेश के अल्स नामक नगर में 14 मार्च , 1879 ई० को एक यहूदी परिवार में हुआ । एक छात्रा मिलेवा मारिल्स आइंस्टीन के प्रयोग से बहुत अधिक प्रभावित हुई और 1903 ई० में दोनों का विवाह हो गया । जल्दी ही आइंस्टीन के दो पुत्र हो गये और फलस्वरूप परिवार के पालन – पोषण के हेतु उसे नौकरी की चिन्ता सताने लगी । काफी दौड़ – धूप के बाद उसे पेटेंट विभाग में नौकरी मिल गयी ।

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वैज्ञानिक प्रयोग

नौकरी करते हुए भी आइंस्टीन वैज्ञानिक प्रयोगों में लगे रहे । 1805 ई० में उसके कई निबन्ध प्रकाशित हुई और भौतिक विज्ञान के पंडित प्लाक ने उसके निबन्धों की अत्यधिक प्रशंसा की । अपने निबन्धों में आइंस्टीन ने बताया कि देश काल और भूत ( पदार्थ ) एक दूसरे से मिले हुए हैं । पदार्थ खोई हुई ऊर्जा मात्र है । ऊर्जा ही केन्द्रित होकर पदार्थ का रूप धारण कर लेती है । पदार्थ के किसी भी कण में छिपी हुई ऊर्जा को नापा जा सकता है ।

आइंस्टीन के निबन्ध के फलस्वरूप उसकी ख्याति बढ़ने लगी तथा 1909 ई० में उसे ज्यूरिख में भौतिकशास्त्र के आचार्य के पद पर नियुक्त कर दिया गया । तत्पश्चात् उसकी नियुक्ति प्राग विश्वविद्यालय में हुई । 1914 ई० में वह कैंसर संस्थान का निदेशक होकर बर्लिन चला गया और 1933 ई० तक वहीं रहा ।

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प्रमुख देन

आइंस्टीन के सापेक्षवाद के सिद्धांत ने समस्त संसार में तहलका मचा दिया । आइंस्टीन की अणु – परमाणु उद्जन आदि के सम्बन्ध में महान देन है । उसने यह बताया कि विभिन्न गति से चलने वाली दो व्यक्तियों द्वारा नापा गया समय समान नहीं हो सकता । इसे ‘ काल का प्रसार ‘ कहा जाता है । ‘ रॉकेट और स्पुतनिक की अन्तरिक्ष यात्राएँ ‘ इसी सिद्धान्त पर आधारित है । आइंस्टीन ने यह भी बताया कि जैसे – जैसे किसी वस्तु का वेग बढ़ता जाता है , उसकी लम्बाई घटती जाती है । इसी सिद्धान्त के फलस्वरूप परमाणु को छोड़कर उसकी ऊर्जा को बाहर निकलता सम्भव हो सका ।

आइंस्टीन के सिद्धान्त के ही द्वारा यह सिद्ध हुआ कि वस्तु को संहति निश्चित नहीं रहती है बल्कि गति के अनुसार बदलती रहती है । जैसे – जैसे वस्तु को गति बढ़ती जाती है , वैसे – वैसे उसकी संहति बढ़ती जाती है । आइंस्टीन ने एक अत्यन्त महत्वपूर्ण बात यह भी बतलायी कि आकर्षण – क्षेत्र के प्रभाव से सूर्य की किरणें थोड़ी टेढ़ी आती हैं ।

निधन

18 अप्रैल 1955 ई० को इस महान वैज्ञानिक की मृत्यु हो गयी ।

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