Sir Humphry Davy ki jivani
जीवन परिचय
सर हम्फ्री डेवी का जन्म इंगलैंड के पैन्मान्स नामक नगर में 17 दिसम्बर 1778 ई० को हुआ । 1794 ई० में डेवी के पिता की मृत्यु हो गयी और उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ कर एक औषधि – विक्रेता के यहाँ नौकरी कर ली और यहीं पर वह विज्ञान के सम्पर्क में आये । 1800 ई० में उन्होंने नाइट्रस ऑक्साइड को सूंघ लिया और उससे मस्त हो गये । उसके मित्रों ने जब यह देखा कि वे बड़े जोर से हँस रहे है , तभी से नाइट्रस ऑक्साइड को हँसने वाली गैस कहा जाने लगा । इस प्रकार हँसाने वाला गैस नाइट्रस ऑक्साइड के आविष्कार का श्रेय डेवी को प्राप्त हुआ ।
कार्य
हँसाने वाली गैस की खोज के बाद उसे राजकीय संस्था में प्रवक्ता के रूप में नियुक्त कर दिया गया और थोड़े समय बाद वह पूर्ण रूप से अध्यापक बन गये । 1906 ई० में उसने ‘ विद्युत के कुछ रासायनिक सिद्धांतों ‘ विषय पर व्याख्यान दिये जिसमें उसकी प्रतिभा टपकती थी । जब उसके व्याख्यानों को प्रकाशित किया गया तो उसकी अत्यधिक ख्याति हुई । डेवी ने बताया कि हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में ऑक्सीजन बिल्कुल नहीं होती और अम्ल के निर्माण के लिए ऑक्सीजन आवश्यक नहीं है । 1815 ई० में सम्राट ने डेवी को ‘ नाइट ‘ की उपाधि से विभूषित किया ।
1815 ई० में एक धर्माधिकारी ने उसका ध्यान कोयले की खान में प्रतिवर्ष होनेवाली दुर्घटनाओं की ओर आकर्षित कराया । कोयले की खानों में दुर्घटना इसलिए होती थी कि प्रकाश के हेतु मजदूर मोमबत्ती या लालटेन खान में ले जाते थे और चट्टानों से निकलनेवाली ‘ मार्श गैस ‘ उनकी नग्न ज्वाला का स्पर्श पाकर विस्फोटित हो जाती थी । इन भयानक दुर्घटनाओं को रोकने के हेतु डेवी ने एक लैम्प बनाया जो ‘ डेवी के अभयदीप ‘ के नाम से विख्यात है ।
Sir Humphry Davy ki jivani
निधन
डेवी ने जलयिना के तांबे के बने पदों को खारे पानी के घर्षणजन्य प्रभाव से बचाने के सम्बन्ध में भी बहुत कार्य किया । इस सम्बन्ध में जब वह खोजकर रखा था तभी वह बीमार पड़ गया और इलाज के लिए स्विट्जरलैंड के जिनेवा नगर चला गया जहाँ 18 मई 1829 ई० में उसकी मृत्यु हो गयी ।